An Unbiased View of upay totka
An Unbiased View of upay totka
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Over the celebration from the Pageant of Holi, just before Holika dahan rotate all this stuff within the head in the individuals with whom you've distinctions and throw it into the fireplace. Whilst performing this, pray to God- ‘our misunderstanding and differences must also be burnt into the fireplace’ and come back home with no observing driving.
Carrying a silver coin about is suggested by Lal Kitab in order to draw riches and achievement. Consequently, you could use it for a pendant or carry it in your wallet or handbag. Silver normally has a useful effect on the body's Electricity flow. Due to this fact, it may help in drawing prosperity and fortune.
अधिकतर पढाई करने के बाद सन्तान की नौकरी और व्यवसाय की चिन्ता हर माता पिता को होती है,बच्चे जवानी और अपनी उमंग के कारण उन्हे कौन से क्षेत्र में जाना है,उसे भूल जाते है,और दूसरों की देखा देखी अपनी वास्तविक नोलेज को भूलकर दूसरों के चक्कर में पड कर अपने को बरबाद कर लेते है,जब वे अपनी योग्यता को नहीं दिखा पाते है तो वे गलत कार्यों की तरफ़ बढ जाते है,और उनका जीवन जो सहज रास्ते पर जा रहा था वह कठिनाइयों की तरफ़ चला जाता है,दिग्भ्रम हो जाने पर लाख कोशिश करने पर भी बच्चे अपनी जगह पर वापस नही आ पाते है,और आते है तब तक उनका बहुमूल्य समय बरबाद हो गया होता है। सबसे पहले अपने बच्चे को सही रास्ते पर लाने के लिये या वह कहीं गलत रास्ते पर तो नही जा रहा है,का ध्यान उसी प्रकार से रखना चाहिये जैसे एक माली अपने पेड को संभालता है,कब उसे पानी देना है कब उसमें खाद देनी है,कही जंगली जानवर उस पेड को खत्म तो नही कर रहा है,कहीं कोई बीमारी पेड को तो नही लग रही है,कहीं कोई खरपतवार उस पेड के साथ तो नही उग रहा है जो उस पेड को दी जाने वाली खाद पानी को पेड तक पहुंचने ही नही देना चाहता हो,आदि बातें ध्यान में रखने पर बच्चे को सही दिशा तक ले जाया सकता है। बच्चे को सही रास्ते पर ले जाने के लिये वैदिक रूप से कुछ उपाय बताये गये है,उनको आप लोगों के लिये लिख रहा हूँ।
इसके बाद गड्डे को मिट्टी से भर देना है. तथा कोई पत्थर भी उसके ऊपर रख देना चाहिए.
रविवार को पान का पत्ता साथ रखकर जायें।सोमवार को दर्पण में अपना चेहरा देखकर जायें।मंगलवार को मिष्ठान खाकर जायें।बुधवार को हरे धनिये के पत्ते खाकर जायें।गुरूवार को सरसों के कुछ दाने मुख में डालकर जायें।शुक्रवार को दही खाकर जायें।शनिवार को अदरक और घी खाकर जाना चाहिये।
आप जो भी धन मेहनत से कमाते हैं उससे ज्यादा खर्च हो रहा हो अर्थात घर में धन का ठहराव न हो तो ध्यान रखें को आपके घर में कोई नल लीक न करता हो !
यदि कोई व्यक्ति बगैर किसी कारण के परेशान कर रहा हो, तो शौच क्रिया काल में शौचालय में बैठे-बैठे वहीं के पानी से उस व्यक्ति का नाम लिखें और बाहर निकलने से पूर्व जहां पानी से नाम लिखा था, उस स्थान पर अप बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारें। ध्यान रहे, यहप्रयोग स्वार्थवश न करें, अन्यथा हानि हो सकती है।
जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोडी हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए.
हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष का व्रत रखने के पीछे का विज्ञान यह कि यह आपके राहु, चंद्र और शनि के खराब असर को बेअसर कर शुभ में बदल देता है। प्रत्येक पक्ष (शुक्ल और कृष्ण पक्ष) के ग्यारस और त्रयोदशी को विधिपूर्वक व्रत रखेंगे तो निश्चित ही आपके उपर का बंधन धीरे धीरे समाप्त होने लगेगा।
शादी वाले दिन से एक दिन पहले एक ईंट के ऊपर कोयले से "बाधायें" लिखकर ईंट को उल्टा करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिये,और शादी के बाद उस ईंट को उठाकर किसी पानी वाले स्थान पर डाल कर ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीजिये,शादी विवाह के समय में बाधायें नहीं आयेंगी।
कारोबार और व्यापार में उन्नति के लिए पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें और शिवलिंग पर चढ़े दूध को थोड़ा upay totka सा तांबे में बर्तन में भर लें। इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ 'ॐ नम: शिवाय:' मंत्र का जप करते हुए व्यवसाय स्थल पर छिड़क दें। ऐसा करने से तरक्की में आ रही कोई भी बाधा दूर होगी और कारोबार और व्यवसाय में अच्छी वृद्धि होगी।
यह कार्य करने के बाद इस नारियल को पीपल के पेड के नीचे गड्डा करके दबा देना.
भगवान शिव जी होंगे अत्यंत प्रसन्न राशि अनुसार करें पूजन
समय पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की इच्छा के कारण माता-पिता व भावी वर-वधू भी चाहते है कि अनुकुल समय पर ही विवाह हो जायें. कुण्डली में विवाह विलम्ब से होने के योग होने पर विवाह की बात बार-बार प्रयास करने पर भी कहीं बनती नहीं है.